अरुण वोरा ने 75वें संविधान दिवस पर डॉ. भीमराव अंबेडकर को अर्पित किए श्रद्धा सुमन, किया लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प

दुर्ग। आज 75वें संविधान दिवस के अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण वोरा ने अपने समर्थकों और कांग्रेसजनों के साथ मिलकर भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान उन्होंने भारत के संविधान की विशिष्टताओं पर प्रकाश डाला और इसे दुनिया का सबसे बड़ा और प्रगतिशील संविधान बताया।
कार्यक्रम में श्री वोरा ने कहा, “हमारा संविधान न केवल अधिकारों का संरक्षक है, बल्कि यह हर नागरिक को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार देता है। यह हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों और डॉ. अंबेडकर जैसे महापुरुषों की दूरदर्शिता का परिणाम है। उन्होंने आगे कहा कि संविधान दिवस केवल उत्सव का दिन नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के प्रति अपने कर्तव्यों का स्मरण करने और सामाजिक समानता के प्रति काम करने का संकल्प लेने का अवसर है।
भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जिसमें कुल 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां शामिल हैं। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसमें सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों को गहराई से समाहित किया गया है।
श्री वोरा ने इस अवसर पर कहा कि संविधान की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह एक लचीला और समय के साथ बदलने में सक्षम दस्तावेज़ है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे संविधान में निहित मूल्यों को समझें और उनके अनुपालन का संकल्प लें।
कार्यक्रम के अंत में कांग्रेसजनों ने भारत के लोकतंत्र की रक्षा और संविधान के आदर्शों को बनाए रखने का सामूहिक संकल्प लिया।