बॉलीवुड-मनोरंजन

बॉलीवुड निर्देशकों को मनोज बाजपेयी की नसीहत, फिल्म इंडस्ट्री के प्रति जताई आशाएं

दशकों से हिंदी सिनेमा में राज करने वाले शानदार अभिनेता मनोज बाजपेयी हाल ही में अपनी फिल्म ‘भैया जी’ को लेकर चर्चा में रहे हैं। उन्होंने खुलासा किया कि हाई-फाई किरदार निभाने में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उनका मानना है कि भले ही उनका अभिनय वर्सटाइल है, लेकिन डायरेक्टर्स अक्सर उन्हें अमीर और हाई-फाई किरदारों के लिए नहीं चुनते।

बड़े रोल का अवसर न मिलना

मनोज ने कहा, “मुझे कभी भी बड़े-बड़े लोगों के रोल निभाने का मौका नहीं मिलता,” और इसके पीछे टाइपकास्टिंग को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने बताया कि यह स्थिति अक्सर एक्टर्स को विभिन्न किरदारों को एक्सप्लोर करने से रोकती है। बाजपेयी ने अपनी एक्टिंग करियर में केवल एक बार किसी अमीर आदमी का किरदार निभाने का उल्लेख किया, जो श्याम बेनेगल की फिल्म ‘ज़ुबैदा’ (2001) में था। उन्होंने कहा, “यह श्याम बेनेगल का भरोसा था। उनका मानना था कि असली महाराजा ग्रीक देवताओं जैसे नहीं दिखते थे।”

प्रभावशाली रोल्स का जिक्र

मनोज ने ‘वीर-जारा’ (2004) में एक राजनेता का छोटा लेकिन प्रभावशाली रोल निभाया था, जिसे यश चोपड़ा ने मनोज के काम के आधार पर चुना था। उन्होंने कहा कि इन फिल्ममेकर्स के पास ज़िंदगी को करीब से देखने का अलग नजरिया होता है। मनोज ने यह भी ज़ोर दिया कि डायरेक्टर्स को घिसी-पिटी सोच से बाहर निकलकर कुछ नया करने की आवश्यकता है।

पुरस्कार और पहचान

मनोज बाजपेयी को ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘शूल’ और ‘सत्या’ जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है और वे कई नेशनल अवार्ड भी जीत चुके हैं। उनकी यह बातचीत दर्शाती है कि टाइपकास्टिंग की चुनौतियाँ आज भी कई प्रतिभाशाली कलाकारों के लिए एक बाधा बनी हुई हैं।

Saroj Shriwas

Inspire India: एक हिंदी न्यूज़ पोर्टल है, जो राजनीति, समाज, खेल, मनोरंजन और क्षेत्रीय खबरों पर सटीक और ताज़ा जानकारी प्रदान करता है। यह पोर्टल निष्पक्ष पत्रकारिता के साथ पाठकों तक विश्वसनीय खबरें पहुँचाने के लिए समर्पित है। अनुभवी टीम द्वारा तैयार की गई खबरें सत्यता और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखती हैं। Inspire India पर आपको हर विषय पर अद्यतन और गहराई से परखी गई जानकारी मिलेगी।

Leave a Reply

Back to top button