सिस्टम से निराश कारोबारी ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में खोले कई राज

बिलासपुर। कोयला कारोबारी नरेंद्र कौशिक की आत्महत्या के मामले में सुसाइड नोट ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मृतक ने 70 लाख रुपए के कर्ज के दबाव का जिक्र किया है। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में मुंशी राजेश कोटवानी, देवेंद्र उपवेजा, सूरज प्रधान, और संजय भट्ट पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
सुसाइड से पहले बड़े भाई को भेजा सुसाइड नोट
मृतक ने आत्महत्या से पहले अपने बड़े भाई ओमप्रकाश कौशिक के मोबाइल पर सुसाइड नोट लिखा और उसे भेजा। उन्होंने यह भी बताया कि वह जहर खाकर अपनी जान देने जा रहे हैं।
कार के भीतर किया जहर का सेवन
नरेंद्र कौशिक ने सरगांव स्थित सरस्वती स्कूल के पास अपनी कार में जहर का सेवन किया। इसके बाद उन्होंने अपने भाई को फोन पर जानकारी दी। भाई ने तुरंत मृतक के दोस्तों इस्माइल और शेखर साहू को इसकी सूचना दी। जब वे मौके पर पहुंचे तो नरेंद्र कौशिक अपनी कार में बेसुध हालत में मिले। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उनकी मौत हो गई।
गाड़ी बेचने के आरोप से बढ़ी परेशानी
सुसाइड नोट के अनुसार, मुंशी और अन्य व्यक्तियों ने मृतक की गाड़ी बेच दी थी, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान थे। कर्ज की भारी भरकम राशि के दबाव और आर्थिक तंगी के चलते नरेंद्र कौशिक ने यह कदम उठाया।
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और सुसाइड नोट में नामजद आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि मामले में न्यायिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी।
आर्थिक दबाव और विश्वासघात बना कारण
यह घटना व्यवसायिक विवादों और आर्थिक तनाव की गंभीरता को दर्शाती है। नरेंद्र कौशिक की आत्महत्या ने स्थानीय व्यापार जगत में हलचल मचा दी है।