
अधिकारी के गैर जिम्मेदार बयान से भड़के मजदूर नेताओं की दो टूक , न्याय के लिए आखिरी सांस तक लड़ेंगे लड़ाई
मामला एसईसीएल बरौद कालरी के रिटायर्ड कर्मचारियों का तीन वर्षों से लंबित रिवाइज्ड पेंशन का
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रायगढ़ । एसईसीएल क्षेत्र के बरौद कालरी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को तीन वर्ष बाद भी रिवाइज्ड पेंशन के लिये चप्पलें घिसनी पड़ रही है। यही नही कोयला कंपनी के महाप्रबंधक अनिरुद्ध सिंह के गैर जिम्मेदाराना बयान से मजदूर नेताओँ का पारा चढ़ा हुआ है। अब वे इस लड़ाई को सड़क तक ले जाने की तैयारी में हैं , उन्होंने कंपनी प्रबंधन को 15 दिनों का समय दिया है , बात नही बनी तो उग्र आंदोलन की तैयारी है। दरअसल दो दिन पहले इंटक और एटक के मजदूर नेता गनपत चौहान एवं आलम खान ने रिटायर्ड कर्मचारियों के लंबित रिवाइज्ड पेंशन के मामले को लेकर एसईसीएल के रायगढ़ क्षेत्र के महा प्रबंधक से मिलकर प्रकरण में ठोस कार्यवाही का आश्वासन चाहते थे , ऐसा नही हुआ ; उल्टे उन्हें कहा गया कि जाइए आंदोलन करिए रिवाइज्ड पेंशन के लिये अभी और इंतजार करना पड़ेगा! अधिकारी के इस गैरजिम्मेदाराना स्टेटमेंट से क्षुब्ध मजदूर नेताओं ने एक पखवाड़े के अंदर रिटायर्ड कर्मचारियों को न्याय नही मिलने पर आंदोलन का अल्टीमेटम दिया है। उल्लेखनीय है कि कोयला कंपनी के रायगढ़ क्षेत्र के बरौद कालरी में गत 2021 से सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों ने अपने जीवन का सर्वणीम काल कम्पनी की सेवा में व्यतीत किया और सेवानिवृत्त होने के बाद दूध में मक्खी की तरह उन्हें मौजूदा प्रबंधन निकाल कर फेंक दिया उन्होंने कंपनी में धूप बारिश और ठंड को नजर अंदाज कर खुली खान परियोजना बरौद कालरी उपक्षेत्र में सेवाएं दी आज तीन वर्षो के बाद भी 20 सेवानिवृत्त सदस्यों का रिवाईज्ड पेंशन एनसीडब्ल्यू-xi दावा प्रकरण का निपटारा कोयला खान भविष्य निधि संगठन क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर व एसईसीएल प्रबंधन रायगढ़ और बरौद कालरी प्रबंधन के मध्य मामला अटकी हुई है गत वेतन समझौता के तहत सेवानिवृत्त कोयला कर्मचारियों की बढ़ी हुई वेतन अंतराल का फैसला लेने में जिम्मेदार अधिकारियों का तीन साल का समय लग गया इस बीच पेंशन की बढ़ी हुई दर का बाट जोहते जोहते तीन सदस्यों की मौत भी हो चुकी है शेष बचे सदस्यों में अनेकों लोग शारीरिक और मानसिक रूप से बढ़े हुए पेंशन का बाट जोहते जोहते जिसकी आंखे पथरा सी गई है और मानसिक रूप से बीमारी ने उन्हें घेर रखा है यह शर्मशार करने वाली वाक्या एसईसीएल रायगढ़ क्षेत्र के खुली खदान परियोजना बरौद कालरी की है !
बरौद कालरी से सेवानिवृत्त हुए कोयला कर्मचारियों में इंजीनियर,फोरमेन,फीटर,
आपरेटर,लिपिक जैसे पदों में रहते हुए कम्पनी की सेवाएं देते हुए उत्पादन उत्पादकता और कोयला संप्रेषण के दौरान जिन्होंने कठोर परिश्रम किया अब वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं कोई 2021 से है तो कोई 2023 की तिथि में इन तीन चार वर्षो में 20 सदस्यों का हिसाब किताब और वह भी पेंशन का रिवाईज्ड नहीं किया जाना आश्चर्य का विषय है!

पांच महिनों से चल रही है प्रबंधन व कोयला खान भविष्य निधि संगठन क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर के मध्य पत्राचार पर कोई ठोस निर्णय अभी तक नहीं लिया जा सका है अब 20 सदस्यों की बढ़ी हुई पेंशन दर की राशि कब तक नहीं दी जायेगी यह अब आने वाला समय बताएगा!
पिछले वेतन समझौता के अनुसार संसोधित पेंशन की जिनकी गणना बरौद उपक्षेत्र के 20 सदस्यों की होनी है जो तीन साल से अधर में लटकी हुई है जिनका नाम क्रमशः – तिपन्ना कृष्णा,एके अग्रवाल, विनोद कुमार सारथी,रथराम बीपी ,मोहर लाल देहरी ,स्व.अंजोर सिंह, बच्छराम , मो.आलम , शिवलाल साहू, राजकुमार,नितेश चंद्रवंशी , गनपत लाल चौहान ,स्व समयलाल, हंसराज,स्व सालिक राम कुजुर,मुकेश कुमार मोदी,गणेश राम,तेरस राम साहू,जगित राम और भरतलाल है !