शासकीय राशन दुकान को मनमानी खोलने एवं तय दर से ज्यादा वसूली कर रहे दुकान संचालक की कलेक्टर जन दर्शन मे ग्रामीणों के द्वारा की गई शिकायत

बरमकेला। ग्राम पंचायत मारोदरहा के ग्रामीणों ने शासन की जनकल्याणकारी योजना के अंतर्गत मिलने वाले राशन वितरण में की जा रही गड़बड़ी की शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में की है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि शारदा महिला स्व सहायता समूह के विक्रेता दिनेश कुमार डनसेना उपभोक्ताओं से शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक कीमत वसूल कर रहे हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, शासन द्वारा शक्कर का मूल्य ₹17 प्रति किलो निर्धारित है, लेकिन दुकान से लोगों को ₹20 प्रति किलो के हिसाब से राशन दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, नियम के अनुसार दुकान हर माह तय तारीख पर खुलनी चाहिए, लेकिन संचालक दुकान को अक्सर 15 तारीख के बाद ही खोलता है। इस वजह से पात्र उपभोक्ताओं को राशन लेने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों की नाराज़गी
ग्रामीणों ने बताया कि यह व्यवस्था पूर्णतः नियम विरुद्ध है। शासन द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत प्रत्येक परिवार को निर्धारित मात्रा में सस्ता और समय पर राशन उपलब्ध कराना अनिवार्य है। लेकिन समूह द्वारा मनमानी कर लोगों को लूटा जा रहा है।
कानून और नियम क्या कहते हैं?
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 (NFSA) के तहत पात्र परिवारों को निर्धारित दर पर समय पर राशन उपलब्ध कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक राशि वसूलना स्पष्ट रूप से अवैध है और इसके लिए दुकान संचालक पर कार्रवाई की जा सकती है।
छत्तीसगढ़ खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, राशन दुकान समय पर खोलना और पारदर्शिता बनाए रखना समूह की जिम्मेदारी है।
शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित समूह की मान्यता रद्द की जा सकती है और किसी अन्य महिला स्व सहायता समूह को दुकान संचालन का दायित्व सौंपा जा सकता है।
ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाँच ग्रामीण पंचायत के पांचो गांव के मध्य कारीगांठी मे की जाए। साथ ही वर्तमान समूह की जिम्मेदारी खत्म कर किसी अन्य महिला स्व सहायता समूह को यह दायित्व दिया जाए ताकि ग्रामीणों को समय पर और निर्धारित दर पर राशन उपलब्ध हो सके।