आधार की तरह छात्रों को मिलेगी यूनिक पहचान – ‘अपार कार्ड’! जाने क्या हैं इसके फायदे

रायपुर | छत्तीसगढ़ में वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी (One Nation-One Student ID) स्कूल स्तर पर अक्टूबर से बनना शुरू हो जाएंगे। प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के 57.10 लाख से ज्यादा छात्रों का यूनिक आईडी बनेगा। यूनिक आईडी 12 अंक की रहेगी। यह आईडी उसी तरह से काम करेगी जिस तरह से पूरे देश में एक आधार कार्ड काम करता है। पहले 12वीं के छात्रों के यूनिक कार्ड बनेंगे, क्योंकि अगले साल ये सभी छात्र कॉलेज में प्रवेश लेने वाले होंगे।
छत्तीसगढ़ में वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी (One Nation-One Student ID) स्कूल स्तर पर अक्टूबर से बनना शुरू हो जाएंगे। प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के 57.10 लाख से ज्यादा छात्रों का यूनिक आईडी बनेगा। यूनिक आईडी 12 अंक की रहेगी। यह आईडी उसी तरह से काम करेगी जिस तरह से पूरे देश में एक आधार कार्ड काम करता है। पहले 12वीं के छात्रों के यूनिक कार्ड बनेंगे, क्योंकि अगले साल ये सभी छात्र कॉलेज में प्रवेश लेने वाले होंगे।
आधार कार्ड से रहेगा अटैच
छत्तीसगढ़ में वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी स्कूल स्तर पर अक्टूबर से बनना शुरू हो जाएगी। प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के 57.10 लाख से ज्यादा छात्रों का यूनिक आईडी बनेगा। यूनिक आईडी 12 अंक की रहेगी। यह आईडी उसी तरह से काम करेगी जिस तरह से पूरे देश में आधार कार्ड काम करता है। यूनिक आईडी में छात्र का पूरा शैक्षणिक डेटा फीड रहेगा। जब भी इस यूनिक आईडी के नंबर को कंप्यूटर स्क्रीन पर डालकर सर्च करेंगे तो छात्र की पूरी जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी। उसका पूरा शैक्षणिक डेटा इसी नंबर से एक बार में ही देख सकेंगे। ये आईडी, आधार कार्ड से लिंक की जाएगी। छात्र के साथ पैरेंट्स और उनके परिजनों का भी आधार इसमें लगेगा।
दिल्ली में हुई 3 दिनी ट्रेनिंग
वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी की तैयारी को लेकर केंद्रीय स्कूल शिक्षा मंत्रालय स्तर पर तेजी से काम किया जा रहा है। केंद्र के द्वारा राज्य स्तर पर स्कूलों में एक साथ इसे लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर 19 से 21 सितंबर तक दिल्ली में ट्रेनिंग दी गई। इस ट्रेनिंग में देशभर के स्कूल शिक्षा विभाग, समग्र शिक्षा नोडल अधिकारी शामिल हुए। जिन्हें इस पूरे प्लाने के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस प्रोजेक्ट का नोडल अधिकारी कलेक्टर को बनाया है। इसी के साथ ही इस बारे में पालकों को जानकारी देने पेरेंट्स-टीचर मीटिंग आवश्यक की गई है। इसी बैठक में पालकों से सहमति पत्र भरवाकर सहमति ली जाएगी। इस यूनिक आईडी का प्रारूप केंद्र के द्वारा राज्य को भेजा गया है। केंद्र के द्वारा शिक्षा विभाग को टारगेट दिया गया है। विभाग के द्वारा दो साल में सभी छात्रों की आईडी जनरेट की जाएगी।
छात्रों के लिए रहेगा फायदेमंद
यूनिक आईडी छात्रों के लिए काफी फायदेमंद रहेगी। छात्र अपना दाखिला देश के किसी भी संस्थान में लेगा तो उसे परेशानी नहीं होगी। वह स्कूल अपार नंबर के माध्यम से पुरानी हिस्ट्री ऑनलाइन देख सकेगा। इस यूनिक कार्ड से स्टूडेंट्स की डुप्लीकेसी थम जाएगी। साथ ही शाला त्यागी छात्र ट्रैक हो सकेंगे। इस यूनिक कार्ड से छात्रों को एजुकेशन, लाइब्रेरी, और ट्रेवलिंग के दौरान छात्रों को सब्सिडी भी मिलेगी। यूनिक आईडी के माध्यम से जब छात्र एक स्कूल से दूसरे स्कूल में प्रवेश के लिए जाता है तो उन्हें आसानी होगी। स्कूलों के बीच छात्रों के ट्रांसफर में भी सुविधा मिलेगी। दस्तावेजों की डिमांड कम हो जाएगी। डिजिटल को भी बढ़ावा मिलेगा।
…इसलिए दिया गया ‘अपार’ नाम
इस यूनिक का नाम आधार से मिलता-जुलता दिया है। ताकि लोगों को इससे जल्दी से समझ आए और जुबान पर भी रहे। इसी को ध्यान में रखते हुए इसका अपार नाम दिया गया है। अपार का मतलब है स्वचालित स्थाई शैक्षणिक खाता रजिस्ट्री। आने वाले शैक्षणिक सत्र में जैसे ही आप स्कूल में दाखिला लेंगे, यह आईडी बन जाएगी। इसे सीधे आधार नंबर से लिंक किया जाएगा। यह आईडी पूरी तरह से डिजिटल रहेगी। जिसमें छात्र का पहली कक्षा से लेकर स्नातक या इससे आगे की पढ़ाई का पूरा डेटा इसमें अपडेट होता रहेगा। पूरे देश में पढ़ाई के दौरान छात्र की एक ही आईडी रहेगी। छत्तीसगढ़ समग्र शिक्षा प्रबंध संचालक संजीव झा ने बताया कि वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी प्रोजेक्ट की तैयारी शुरू हो गई है। इस प्रोजेक्ट आईडी बनाने काम अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसके लिए शीघ्र ही जिला स्तर पर ट्रेनिंग भी शुरू की जाएगी।