दुर्ग

डेयरी उद्यमिता की दिशा में महिला स्व सहायता समूह हो रही है स्वावलम्बी

दुर्ग | दुर्ग जिले के ग्राम चिंगरी की महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर हो रही है। राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त करने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है और उन्हें बेहतर जीवन जीने में मदद करना है।

 महिलाएं स्व रोजगार से प्रेरित होकर पशुपालन का व्यवसाय कर अपना जीविकार्पाजन कर रही है। प्रतीक महिला स्व सहायता समूह में 15 सदस्य है। सभी गांव की महिलाएं गृहणी के रुप में घर सम्भालती है, भोजन बनाती है और खेतों में परिवार के भरण-पोषण के लिए मजदूरी करती है।

बाकी समय में पशुपालन का व्यवसाय कर समाज के विकास में बराबर की भागीदारी निभा रहे हैं। किसी भी समाज के विकास का सीधा संबंध महिलाओं के विकास से जुड़ा होता है।

वर्ष 2022-23 में पशुपालन के लिए के लिए दो गायों के लिए 70 हजार रूपए की अनुदान राशि पशुधन विकास विभाग द्वारा स्वीकृत किया गया। प्रत्येक गाय प्रतिदिन 9 लीटर दूध दे रही है, जिसे शहरी क्षेत्र के होटलों में विक्रय किया जा रहा है। अब तक एक लाख 30 हजार की वार्षिक आय अर्जित हो चुकी है। विभाग द्वारा एक गाय में कृत्रिम गर्भाधारण किया गया है। समय-समय पर टीकाकरण कार्य एवं डिवर्मिंग कार्य भी विभाग द्वारा किया जाता है।

महिला स्व सहायता समूह की महिला श्रीमती उमेश्वरी यादव ने बताया कि इस वर्ष 2023-24 में डेयरी से आय अर्जित कर दो गाय और खरीदी की गई है। जहां समूहों के पास पहले दो दुधारू पशु थे अब उसके पास चार पशु और तीन बछड़ा है। समूह की महिलाएं उक्त इकाई की स्थापना व सुचारू रूप से संचालन होने से स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर हो रही है।

Saroj Shriwas

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