ग्राम थनौद में प्रदेश के प्रथम महिला सांसद मिनीमाता के मूर्ती का विधायक ललित चंद्राकर ने किया आनावरण


ग्राम थनौद में प्रदेश के प्रथम महिला सांसद मिनीमाता के मूर्ती का विधायक ललित चंद्राकर ने किया आनावरण
मिनीमाता ने छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय क्षितिज पर दी नई पहचान.. विधायक ललित चंद्राकर
दुर्ग ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम थनौद में मिनीमाता जी की पुण्यतिथि दिवस के अवसर पर मिनीमाता जी की मूर्ती आनावरण महिला सम्मान समारोह आयोजित कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रूप दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर शामिल हुए।और मिनीमाता जी की मूर्ती आनावरण किया और श्रध्दा सुमन अर्पित करते हुए उनको याद किया साथ ही इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं एवं प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का सम्मान कियाइस अवसर पर सतनामी समाज दुर्ग जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर बंजारे, सतनामी समाज उतई अध्यक्ष चंद्रभूषण कौशल तहसील सतनामी समाज दुर्ग अध्यक्ष दिनेश देशलहरे,जनपद उपाध्यक्ष झमीता गायकवाड ,सभापति ज़िला पंचायत लक्ष्मी साहू सरपंच जागेश्वरी देशमुख उपसरपंच डीलेश्वरी देशमुख मोहन हरमुख ,सभापति जनपद पंचायत दुर्ग हरेंद्र देव जनपद सद्स्य छत्रपाल गायकवाड हरेंद्र रोशन , धरतलहरे अजय चतुर्रवेदी, खेमन सोनवानी, शकुनतला, भारती,धनजय खरे,सेवाराम देशलहरे,पवन गायकवाड,श्रवण खरे, सन्तोष खरे, संजय खरे, दुर्वाशा देशलहरे, सत्येंद्र देशलहरे, गणपत बंधे,संदीप खरे, मनसुख गायकवाड, परुषोत्तम कोसरे, देवेंद्र बघेल सतीश बधेल, ओम प्रकाश, द्शवंत हेमराज जोशी देवराज दिनेश देशमुख, टेक सिंह साहू हर्ष रघुनाथ देशमुख, गिरधारी निषाद, नेमीचंद देशमुख, ईश्वर सिन्हा, गिरवर सिन्हा, आत्मा राम मिर्चें, संदीप खरे, खेम देशमुख नरेंद्र देशमुख, मोहन हरमुख,सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी सहित बड़ी संख्या में समाज गंगा के लोग उपस्थित रहे।*इस अवसर पर दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने कहा* छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद मिनीमाता बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी थी। अपने प्रखर नेतृत्व क्षमता की बदौलत राष्ट्रीय नेताओं के बीच उनकी अलग पहचान थी। दलित शोषित समाज ही नहीं सभी वर्गो ने उनके नेतृत्व को मान्य किया था। उन्होंने संसद में अस्पृश्यता निवारण अधिनियम पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मिनीमाता समाज हितैषी कार्यो की वजह से लोकप्रियता के शीर्ष पर पहुंची।मिनीमाता ने समाजसुधार सहित सभी वर्गों की उन्नति और बेहतरी के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने जन सेवा को ही जीवन का उद्ेश्य मानकर कार्य किया। उन्होंने नारी उत्थान, किसान, मजदूर, छूआ-छूत निवारण कानून, बाल विवाह, दहेज प्रथा, निःशक्त व अनाथों के लिए आश्रम, महिला शिक्षा और जनहित के अनेक फैसलों और समाज हितैषी कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मिनीमाता की राजनीतिक सक्रियता और समर्पण से पीड़ितों के अधिकार हेतु संसद में अनेक कानून बने। मिनीमाता जी का सेवाभावी व्यक्तित्व सदैव हमे प्रेरणा देता रहेगा ।